ये कहानी करीब आठ साल पहले की है..वैसे तो मैं 18 साल की उमर से ही सेक्सके लिए बहुत उत्सुक था लेकिन मौका मिला मुझे इंजीनियरिंग मी दाखले केबाद..दोस्तों ने कहा की मूठ मारो तो मैंने वो करना शुरू कर दिया था..इंजीनियरिंग मी दाखले के बाद मैंने सोचा की हॉस्टल मी रहने के बजाये अपनेभैय्या भाभी के पास ही रहूँ उसका कारण था मेरी भाभी..जिसकी मस्त चुचियाँदेख कर मैंने कई बार मूठ मारी थी…उसका साइज़ था 36 और उनका फिगर भीसेक्सी था..उनकी उमर 32 साल की होगी उनके यहाँ रहने के पहले दिन से हीमैंने उन्हें सोच कर हस्त मैथुन किया था उनकी उभरी हुई गांड और उसकीगोलाई. उनकी एक ८ साल की लड़की थी और ३ साल का लड़का.मैं उनके घर पर रहनेलगा..करीब एक हफ्ते मी मेरी उनसे अच्छी दोस्ती हो गई..जब घर मे कोई नहीहोता है तो दोनों ही बैठ कर टीवी देखते थे..जल्द ही मुझे लगा की मैं उनकीचुदाई कर सकता हूँ .
वो भी मुझसे काफी खुलने लगी थी. वो मेरे साथ हीमार्केट जाती थी मोटर साइकिल पर बैठ कर. और तो और वो मेरे साथ ही अपनीब्रा और पैंटी भी खरीदती थी ..मैंने एक दिन उनसे कहा की भाभी तुम अपनी उमरसे काफी छोटी लगती हो
एक दिन मैं कॉलेज नही गया.और घर पर ही रुकारहा…दिन मी टीवी पर एक मूवी चल रही थी मैं उसे ही देख रहा था.और वो कपडेधो रही थी.और सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट पहने थी. वहीं से वो टीवी भी देखरही थी.पेटीकोट उन्होंने अपने घुटनों से ऊपर मोड़ रखा था..उनकी गोरीपिंडलियों को देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा था और बुरी तरह से दर्द कररहा था..वो भी बेताब हो गया भाभी को चोदने के लिए..मैंने भी सोचा आज मौकाहै तो ये काम कर ही डालूँ .
अपना काम खत्म कर के भाभी भी मेरे पास आकर बैठ गई..और तभी लाईट चली गई अचानक..सो हम दोनों बात करने लगे..उन्होंनेकहा पति की कमी उन्हें बहुत खलती है उन्हें पति के बिना अच्छा नहीलगता..मैंने बातों का रुख मोड़ते हुए कहा की आप बहुत खूबसूरत हो..इसपर वोमेरी तरफ़ देखने लगी.और उनकी नज़र मेरे हाफ पँट पर भी गई और उन्होंने मेरेलंड का फूला हुआ हिस्सा भी देखा..मैंने कहा की तुम अपनी बेटी की बड़ी बहनदिखती हो..उसने कहा मजाक मत करो..मैंने कहा मैं सच कह रहा हूँ. अगर तुमस्कर्ट पहन लो और एक टॉप पहल लो तो एक लड़की जैसी ही लगोगी.और मेरे जैसेलड़के तुम्हारे पीछे घूमेंगे..वो मुस्कुरा दी.मैंने पूंचा क्या तुम अभी येपहन सकती हो? . पहले तो उसने मना किया फ़िर मैंने हिम्मत से उसका हाथ मेरेहाथ मे लिया और उससे अनुरोध किया.तब उसने मेरे जांघों पर हाथ रखते हुए कहाठीक है..मैं तो सातवें आस्मान पर था मेरा लंड अन्दर ही उछालने लगा खुशी सेउसने कहा लेकिन तुम मेरे साथ कोई शरारत नही करोगे…मैंने वादाकिया..लेकिन मैंने मन ही मन कहा आज तो तुम्हे चुदवाना ही है भाभी..और आजतुम्हारी चूत मैं अपने मोटे लंड से फाड़ने वाला हूँ..मैं अपने लंड को पँटके ऊपर से सहलाने लगा और वो अपने बेड रूम मे चली गई..जब वो वापस आयी ..वाह..मैं तो देखता ही रह गया.
वो एकदम 18 साल की कुंवारी लड़की जैसीसेक्सी दिख रही थी.मैंने उन्हें देख कर सीटी बजायी. और एक आँख मार दी.इसपर उन्होंने कहा तुम अपना वादा तोड़ रहे हो.मैंने कहा वादा क्या मेरा दिलही सब तोड़ने का कर रहा है..उसकी गोल गोल चुचियाँ टॉप से बाहर निकल करक़यामत कर रही थी..लगता था उसे फाड़ कर बाहर आ जायेंगे..और स्कर्ट उनकीगोरी जांघों को मुश्किल से ढँक रहा था..केले के खंभे जैसी चिकनी गोरीजांघ..उफ़.. और मेरा लंड पूरे उफान पर आ गया..मैं उसके पास गया और कहा मैंउसे किस करना चाहता हूँ..उसने विरोध किया लेकिन मैंने उसे कमर के पास सेकस के पकड़ लिया और अपनी तरफ़ खींचा ..और मेरे होंठ उसके होंठो पर चिपकादिए..थोडी देर उसने कसमसा के छूटने का प्रयत्न किया.फ़िर उसने भी मेरा साथदेना शुरू कर दिया..मैं उसे बेह्ताशा चूमे जा रहा था..उसकी साँस तेज़ होनेलगी थी..और वो मुझसे चिपकती जा रही थी..मैंने अब उसके गांड और नितंबों परहलके से हाथ फेरना शुरू किया..और उसके गर्दन और गालों पर किस किए जा रहाथा..उसका स्कर्ट मैंने पीछे से ऊपर को उठाना शुरू किया…और उसकी पैंटी केअन्दर पीछे से हाथ डाल कर उसके नितंबों को जोर से दबाने लगा और उसे मुझसेचिपका लिया…
अब तक उसका विरोध खत्म हो गया था..मैं अभी भी उसे चूमेजा रहा था..और एक हाथ को उसकी चूची के ऊपर रखा और सहलाने लगा..मैंने उससेपूंछा बेड रूम मे चलें..उसने सिर हिलाकर “हाँ” कहा..मैंने अब उसका टॉप ऊपरउठा कर हाथ अन्दर डाल दिया था और ब्रा के ऊपर से चुचियों को दबाया..उसकेमुंह से आह..संजू..स् स्. स्.स्.स्. की आवाज़ निकलने लगी..मैं उसे लेकरबेड रूम मे आया..वहाँ भी मैं उसे अपने बाँहों मे ले कर खड़ा रहा..और मेरेहाथ उसकी चूची मसल रहे थे..ब्रा को मैंने ऊपर कर दिया था..और स्कर्ट केऊपर से ही उसकी फूली हुयी चूत को सहलाया..वो उछल पड़ी ..उसकी चूत सच मेबहूत ही नरम थी..मैंने खड़े खड़े पीछे से उसकी पैंटी नीचे खिसकाई.. और.. चूतके ऊपर हाथ रखा..उफ़..नरम लेकिन गरम..बिना बालों की चूत..चूत पूरी गीली होचुकी थी. जैसे ही मेरा हाथ वहाँ गया..वो थोडी सी झिझकी और कहा संजू तुमलिमिट क्रॉस कर रहे हो..
मैंने कहा भाभी अब मैं नही रुक सकता..आई लव यू..येसुन कर वो कुछ सोच मे पड़ गयी..फ़िर वो मुझसे चिपक गई और अपना हाथ मेरे लंडपर रखा..और कहा मैं जानती हूँ तुम मुझे चाहते हो और मेरे साथ सेक्स करनाचाहते हो. तुम्हारा लुंड भी बहुत अच्छा है..लेकिन मैं शादीशुदा हूँ और दोबच्चों की माँ हूँ..ये मेरे लिए ग़लत है..अब मैंने उसे और जोर से अपने पासखींचा और किस करने लगा..उसने अपना हाथ मेरे लंड पर रखा और पँट के अन्दरडाल के लंड को पकड़ लिया..और उसे सहलाने लगी…फ़िर मेरा पँट नीचे खींचदिया..और अंडरवियर भी निकाल दिया..और मेरे लंड को देख कर बोलउ ठी..संजय..इतना लंबा और मोटा..बाप रे..और फ़िर उसे मुठ्ठी मे पकड़ने कीकोशिश करने लगी..और कहा तुम यही चाहते हो ना..? मैं तो अपने होंश खो बैठाथा.
उसने कहा की वो मुझे चोदने नही देगी..लेकीन मुझे दूसरे तरह से मजाजरुर देगी…और फ़िर वो नीचे घुटनों के बल बैठ गई और मेरे लंड के सुपाड़े कोपहले जीभ से अच्छे से चारों तरफ़ से चाटा.फ़िर पूरे लंड को जीभ से गीला करदिया..और फ़िर उसे अपने मुंह मे ले कर चूसने लगी..मैंने कहा मैं उसे नंगीदेखना चाहता हूँ..उसने कहा ठीक है.चुदाई छोड़ के तुम जो चाहो कर सकतेहो..मैंने उसके पूरे कपडे निकाल दिए..अब वो पूरी नंगी थी…वो मेरे लंड कोचोको बार के जैसा चूस रही थी..मैंने कहा मैं भी तुम्हे दूसरी तरह से मजादूंगा..और फ़िर मैंने उससे कहा की मैं लेट जाता हूँ और तुम्हारी चूत मेरेमुह के ऊपर रखो…वो दोनों पैर मेरे सिर के दोनों तरफ़ रख कर चूत को मेरेमुह पर रखा..उसकी चूत एकदम गुलाबी थी..सिर्फ़ एक दरार ..मैंने अपनी जीभ सेउसे फैलाया तो चूत का लाल छेद सामने था..जैसे ही मेरी जीभ चूत के छेद मेलगी..वो चिहुँक पड़ी..इश..आह्ह..फ़िर उसने झुक कर मेरे लंड को मुंह मे लेलिया..अब ह दोनों 69 की पोज़ मे थे. मैं तो पागल सा हो रहा था..32 साल कीऔरत की इतनी टाईट चूत..? अब मैं उसकी चूत को चाट रहा था और वो मेरे लौड़ेको चूस रही थी…मैं तो बहुत देर से गरम था इसलिए बहुत जल्द ही मेरा पानीनिकल गया और वो सीधा उसके मुंह के अन्दर गया.उसने पूरा पानी गटकलिया..लेकिन लंड को नही छोड़ा ..चूसती रही.
.उसने कहा मैं तुम्हे इतनातृप्त कर दूंगी इतना मजा दूंगी की एक हफ्ते तक तुहे चोदने की याद भी नहीआयेगी..अब मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के अन्दर डाल दी और गीली चूत मी गोलगोल फिराने लगा.जीभ उसकी गांड के छेद से चाटते हुए चूत के अन्दर तक पहुँचादेता फ़िर उसकी चूत के दाने को जीभ से सहला देता..उसके मुह सेइश..इ.इ.इ..इ. आह्ह..माँ..ऐसी आवाज़ आने लगी. .
अब मेरे जीभ की हरकत सेवो तड़प उठी थी. उसने कहा संजू ..नही.इ.इ.इ.इ.इ मैं मर जाउंगी.. मुझे ऐसामत करो.. मुझे छोड़ दो..अगर मैं गरम हो गई तो मुझे चुदवाना पड़ेगा..लेकिन नातो मैंने छोड़ा और ना ही उसने ज्यादा जोर किया..मेरा लंड फ़िर से कड़क होगया था..मैं उसकी चुन्चियों और निपल से भी खेल रहा था..वो अब लंड छोड़ करआह..ऊह..कर रही थी और चूत को मेरे मुंह पर दबा रही थी..सिर्फ़ कुछ मिनिटमे ही उसका बदन अकड़ने लगा और चूत को मेरे मुंह पर दबा के उसने बहुत सारापानी मेरे मुंह मे छोड़ दिया..और ढीली पड़ गई..मैंने उसे पलट कर नीचे लिटायाऔर उसे चूमते हुए उसकी जांघ और चूत तक फ़िर से गया..गांड को उठा के गांड कोभी चाटा ..नितम्ब दबाये और चूत के दाने को मसलते हुए निपल चूसने लगा..वोरोने जैसा हो गयी..और कहा संजय तुम मुझे आज छोड़ कर ही छोडोगे..और वो उठ करबैठ गयी..और कहने लगी..अब मैं नही सह सकती..मुझे छोड़ो..देर मत करो..मैं जलरही हूँ..अब मैं भी चुदना चाहती हूँ..अब मुझे छोड़ डालो..तुम्हारा ये मोटाऔर कड़क लंड मेरी प्यास बुझायेगा
आज मेरी चूत को फाड़ डालो..मैंने भीबहुत दिनों से नही चुदवाया है..मुझे ऐसे ही मोटे और कड़क लंड की जरुरतहै..ऐसा ही वो अनाप शनाप कहने लगी..मैं तो तैयार ही था और यही चाह रहाथा..मैंने उसे लिटाया और उसके पैर हवा मे अपने आप ऊपर हो गए..मैं दोनोंपैरों के बीच मे आया…और मैंने पहले उसकी पानी से भरी चूत कोदेखा..सहलाया..फ़िर झुक कर चूमा..और चूत के दाने को होठों मे भर करचूसा..वो कमर उछालने लगी..आह्ह..संजय..मैं मरी जा रही हूँ..प्लीज़ अब देरमत करो… मैंने मेरे हाथ से लंड को पकड़ कर चूत के दरार को फैलाते हुए उसेरगड़ने लगा..वो और चिल्लाने लगी..अब डालो ना..मैंने गुलाबी छेद पर लंड केसुपादे को टिकाया और…एक कस के धक्का मारा..और भाभी की चीख निकल गई..ओहमा..मार डाला..मर गयी.इ.इ.इ.इ.इ.इ बाप रे..रुको..मैं उसकी दोनों चुचियोंको दबाते हुए दुसरे धक्के के इंतज़ार मे था..और होंठ चूमते हुए दूसरा धक्कालगाया और पूरा लंड अन्दर कर दिया..उसकी आँख से आंसू निकल आए….बेरहम मेरीचूत फाड़ दी… सच बहुत टाईट. चूत थी..दो बच्चो की माँ की चूत इतनी कसीहुई? बाद मे पता चला की दोनों बच्चे ऑपरेशन से हुए थे…मैं किसी तरह लंडको अन्दर दबा रहा था उसने कहा ..आज तुम मेरी चूत को फाड़ कर हीमानोगे..मैं भी फड़वाना ही चाहती हूँ..चोदो मेरे राजा..जोर से चोदो..भाभीकी चूत को फाड़ दो..
मैंने अपना लंड उसकी चूत मे अन्दर दबाना जारीरखा..अभी तक पूरा लंड अन्दर नही गया था..उसकी चूत मेरे लंड के लिए बहुत हीटाईट थी. मैं थोड़ा बाहर खींच के फ़िर ताकत लगाते हुए उसे अन्दर धकेल रहा थाऔर साथ ही उसके होंठ चूमे जा रहा था..दोनों हाथों से चुन्चियों को बुरीतरह मसल रहा था..निप्पल पत्थर जैसे सख्त हो कर खड़े थे उन्हें भी मुंह सेऔर ऊँगली और अंगूठे से बेदर्दी से मसल रहा था..बीच बीच मे मैं निपल को काटलेता था हलके से तब उसके मुंह से उई ..आह्ह..निकल जाती थी..कुछ देर मेमेरा पुरा लंड उसकी चूत मे घुस चुका था..अब मैं सुपाड़े को अन्दर रख बाकीका लंड बाहर खींच कर अन्दर धकेल दे रहा था..उसकी चूत ने भी पानी छोड़नाशुरू कर दिया था..
अब भाभी ने अपने चूतड़ उछाल कर मेरे लंड को ज्यादा सेज्यादा अन्दर लेने की कोशिश शुरू कर दी थी. मेरे धक्को की स्पीड बढ़ गईथी..और वो मुझसे चिपकते हुए कह रही थी..जोर से संजू..आह्ह..और जोरसे..उसने अपने पैर और ऊपर कर दिए जिससे लंड के अन्दर बाहर होते वक्तसुपाड़ा उसके चूत के दाने को रगड़ता हुआ अन्दर जा रहा था..और फ़िर दो मिनिटमे ही भाभी पागलों जैसा करने लगी और गांड उठाके लंड को अन्दर लेते हुए झड़गई. अब चूत मे गीलापन आ गया था और मुझे चोदने मे सहूलियत होने लगी..मैंनेउसे कस के पकड़ा ..उसके बगल से हाथ डाल के कन्धों को दबाया और फ़िर उसकेसीने पर चून्चियों को चूसते हुए तूफानी धक्के लगाने शुरू कर दिए..इस भीचभाभी फ़िर से ओह..ओह..आह्ह..ओह..संजू..ये क्या..कर दिया..कहती हुयी झड़गई..मेरे लंड मे तनाव बढ़ने लगा..मैं समझ गया की अब मैं भी झड़ने वालाहूँ.. मैंने कहा..भाभी मेरा होने वाला है..
उसने कहा..अन्दर मत डालना..मैंप्रेग्नंट हो जाउंगी..लेकिन मेरी स्पीड इतनी तेज थी और मैं बहुत ही जोश मेथा..अचानक मैंने अपना लंड जड़ तक चूत के अन्दर ठांस दिया और फ़िर मेरे लंडसे वीर्य का फौवारा..निकला..मैं महसूस कर रहा था..करीब 7-8 मोटी मोटीपिचकारी उसकी चूत मे गिरी..पूरी चूत भर गई..और इस पिचकारी के फोर्स से वोभी एक बार और झड़ गई और मुझसे चिपक गई….हम दोनों इसी तरह करीब 15 मिनिटलेटे रहे. उसके बाद उसने मुझे उठाया..मेरा लंड अभी भी उसके चूत मे थामैंने लंड को बाहर निकाला वो मुरझाया नही था..लंड के बाहर निकलते ही उसकेचूत से वीर्य और उसका रस बाहर बहाने लगा और उसकी गांड से होते हुए नीचेचादर पर गिरने लगा…मैंने देखा..साथ मे थोड़ा खून भी निकला था..मेरे लंडपर भी खून लगा हुआ था..उसने पास पड़े कपडे से जब लंड को पोंछा तब उसने वोखून देखा और मुस्कुराके बोली..संजय..आख़िर तुमने भाभी की चूत फाड़ दी..आजपहली बाद मेरी चूत के इतना अन्दर तक कुछ घुसा..संजू तुमने मुझे चुदाई काअसली मजा दिया है..और तुम्हारा लंड इतना लंबा और मोटा है की चूत पूरी भरजाती है..मैंने उसी कपडे से उसकी चूत को साफ किया..चुदाई के पहले जो एकगुलाबी दरार थी अब वो अंग्रेज़ी के “O” जैसी खुल गई थी..और अन्दर का लालरंग दिख रहा था..चूत फूल गई थी..
उसने कहा चलो बाथरूम मे ठीक से साफ करलेंगे..हम दोनों नंगे ही उठकर बाथरूम मे गए..वहाँ शावर के पानी मे एकदूसरे को साफ कर के नहलाते हुए मेरा लंड फ़िर कड़क हो गया..उसने फ़िर सेउसे मुंह मे ले कर चूसना शुरू किया..
मैंने उसे पूंछा..भाभी क्याभैय्या तुम्हारे साथ सेक्स नही करते..उसने कहा महीने मे एक बार या दोबार..वो भी 2-3 मिनिट मे खत्म..मैं समझ गया की इसकी चूत अभी तक इतनी टाईटक्यों है…मैंने कहा भाभी एक बार और..उसने कहा..बाद मे…लेकिन मैं जानताथा की वो भी फ़िर से गरम हो गई है..मैं उसके पीछे गया और पीछे से उसकेचून्चियों को पकड़ के उसकी पीठ और गर्दन पर किस करने लगा..मेरा लंड उसकेचूतादों के बीच की दरार मे फिसल रहा था..मैंने उसे झुका के चौपायाबनाया..उसके चूतडों को थपथपाते हुए लंड को उसकी चूत के छेद पर सेट किया और कमर पकड़ के एक करारा धक्का लगाया..पूरा लंड एक बार मे ही अन्दर हो गयाऔर वो उछल पड़ी. ओऊह माँ..मर गई.इ.इ.इ.इ.ई.मैं थोडी देर वैसे ही रहा फ़िरआहिस्ता आहिस्ता लंड को अन्दर बाहर करने लगा..थोडी देर मे उसने भी गांड हिलाते हुए मेरा साथ देना शुरू.